13. और तू अपने परमेश्वर यहोवा से कहना, कि मैं ने तेरी सब आज्ञाओं के अनुसार पवित्र ठहराई हुई वस्तुओं को अपने घर से निकाला, और लेवीय, परदेशी, अनाथ, और विधवा को दे दिया है; तेरी किसी आज्ञा को मैं ने न तो टाला है, और न भूला है।
14. उन वस्तुओं में से मैं ने शोक के समय नहीं खाया, और न उन में से कोई वस्तु अशुद्धता की दशा में घर से निकाली, और न कुछ शोक करने वालों को दिया; मैं ने अपने परमेश्वर यहोवा की सुन ली, मैं ने तेरी सब आज्ञाओं के अनुसार किया है।
15. तू स्वर्ग में से जो तेरा पवित्र धाम है दृष्टि करके अपनी प्रजा इस्राएल को आशीष दे, और इस दूध और मधु की धाराओं के देश की भूमि पर आशीष दे, जिसे तू ने हमारे पूर्वजों से खाई हुई शपथ के अनुसार हमें दिया है।