व्यवस्थाविवरण 22:5-20 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

5. कोई स्त्री पुरूष का पहिरावा न पहिने, और न कोई पुरूष स्त्री का पहिरावा पहिने; क्योंकि ऐसे कामों के सब करने वाले तेरे परमेश्वर यहोवा की दृष्टि में घृणित हैं॥

6. यदि वृक्ष वा भूमि पर तेरे साम्हने मार्ग में किसी चिडिय़ा का घोंसला मिले, चाहे उस में बच्चे हों चाहे अण्डे, और उन बच्चों वा अण्डों पर उनकी मां बैठी हुई हो, तो बच्चों समेत मां को न लेना;

7. बच्चों को अपने लिये ले तो ले, परन्तु मां को अवश्य छोड़ देना; इसलिये कि तेरा भला हो, और तेरी आयु के दिन बहुत हों॥

8. जब तू नया घर बनाए तब उसकी छत पर आड़ के लिये मुण्डेर बनाना, ऐसा न हो कि कोई छत पर से गिर पड़े, और तू अपने घराने पर खून का दोष लगाए।

9. अपनी दाख की बारी में दो प्रकार के बीज न बोना, ऐसा न हो कि उसकी सारी उपज, अर्थात तेरा बोया हुआ बीज और दाख की बारी की उपज दोनों अपवित्र ठहरें।

10. बैल और गदहा दोनों संग जोतकर हल न चलाना।

11. ऊन और सनी की मिलावट से बना हुआ वस्त्र न पहिनना॥

12. अपने ओढ़ने के चारों ओर की कोर पर झालर लगाया करना॥

13. यदि कोई पुरूष किसी स्त्री को ब्याहे, और उसके पास जाने के समय वह उसको अप्रिय लगे,

14. और वह उस स्त्री की नामधराई करे, और यह कहकर उस पर कुकर्म का दोष लगाए, कि इस स्त्री को मैं ने ब्याहा, और जब उस से संगति की तब उस में कुंवारी अवस्था के लझण न पाए,

15. तो उस कन्या के माता-पिता उसके कुंवारीपन के चिन्ह ले कर नगर के वृद्ध लोगों के पास फाटक के बाहर जाएं;

16. और उस कन्या का पिता वृद्ध लोगों से कहे, मैं ने अपनी बेटी इस पुरूष को ब्याह दी, और वह उसको अप्रिय लगती है;

17. और वह तो यह कहकर उस पर कुकर्म का दोष लगाता है, कि मैं ने तेरी बेटी में कुंवारीपन के लझण नहीं पाए। परन्तु मेरी बेटी के कुंवारीपन के चिन्ह ये हैं। तब उसके माता-पिता नगर के वृद्ध लोगों के साम्हने उस चद्दर को फैलाएं।

18. तब नगर के सियाने लोग उस पुरूष को पकड़ कर ताड़ना दें;

19. और उस पर सौ शेकेल रूपे का दण्ड भी लगा कर उस कन्या के पिता को दें, इसलिये कि उसने एक इस्राएली कन्या की नामधराई की है; और वह उसी की पत्नी बनी रहे, और वह जीवन भर उस स्त्री को त्यागने न पाए।

20. परन्तु यदि उस कन्या के कुंवारीपन के चिन्ह पाए न जाएं, और उस पुरूष की बात सच ठहरे,

व्यवस्थाविवरण 22