15. उन्होंने ऐसा ही किया, और सब को बैठा दिया।
16. तब उस ने वे पांच रोटियां और दो मछली लीं, और स्वर्ग की और देखकर धन्यवाद किया, और तोड़ तोड़कर चेलों को देता गया, कि लोगों को परोसें।
17. सो सब खाकर तृप्त हुए, और बचे हुए टुकड़ों से बारह टोकरी भरकर उठाईं॥