15. तब उन में से एक यह देखकर कि मैं चंगा हो गया हूं, ऊंचे शब्द से परमेश्वर की बड़ाई करता हुआ लौटा।
16. और यीशु के पांवों पर मुंह के बल गिरकर, उसका धन्यवाद करने लगा; और वह सामरी था।
17. इस पर यीशु ने कहा, क्या दसों शुद्ध न हुए? तो फिर वे नौ कहां हैं?
18. क्या इस परदेशी को छोड़ कोई और न निकला, जो परमेश्वर की बड़ाई करता?
19. तब उस ने उस से कहा; उठकर चला जा; तेरे विश्वास ने तुझे चंगा किया है॥
20. जब फरीसियों ने उस से पूछा, कि परमेश्वर का राज्य कब आएगा? तो उस ने उन को उत्तर दिया, कि परमेश्वर का राज्य प्रगट रूप से नहीं आता।
21. और लोग यह न कहेंगे, कि देखो, यहां है, या वहां है, क्योंकि देखो, परमेश्वर का राज्य तुम्हारे बीच में है॥