1. सब चुंगी लेने वाले और पापी उसके पास आया करते थे ताकि उस की सुनें।
2. और फरीसी और शास्त्री कुड़कुड़ा कर कहने लगे, कि यह तो पापियों से मिलता है और उन के साथ खाता भी है॥
3. तब उस ने उन से यह दृष्टान्त कहा।
4. तुम में से कौन है जिस की सौ भेड़ें हों, और उन में से एक खो जाए तो निन्नानवे को जंगल में छोड़कर, उस खोई हुई को जब तक मिल न जाए खोजता न रहे?
5. और जब मिल जाती है, तब वह बड़े आनन्द से उसे कांधे पर उठा लेता है।