15. क्या वे कभी अपने घृणित कामों के कारण लज्जित हुए? नहीं, वे कुछ भी लज्जित नहीं हुए; वे लज्जित होना जानते ही नहीं; इस कारण जब और लोग नीचे गिरें, तब वे भी गिरेंगे, और जब मैं उन को दण्ड देने लगूंगा, तब वे ठोकर खाकर गिरेंगे, यहोवा का यही वचन है।
16. यहोवा यों भी कहता है, सड़कों पर खडे हो कर देखो, और पूछो कि प्राचीनकाल का अच्छा मार्ग कौन सा है, उसी में चलो, और तुम अपने अपने मन में चैन पाओगे। पर उन्होंने कहा, हम उस पर न चलेंगे।
17. मैं ने तुम्हारे लिये पहरुए बैठा कर कहा, नरसिंगे का शब्द ध्यान से सुनना! पर उन्होंने कहा, हम न सुनेंगे।