15. तब उन्होंने उस से कहा, अब बैठ जा और हमें यह पढ़ कर सुना। तब बारूक ने उन को पढ़ कर सुना दिया।
16. जब वे उन सब वचनों को सुन चुके, तब थरथराते हुए एक दूसरे को देखने लगे; और उन्होंने बारूक से कहा, हम निश्चय राजा से इन सब वचनों का वर्णन करेंगे।
17. फिर उन्होंने बारूक से कहा, हम से कह, क्या तू ने ये सब वचन उसके मुख से सुन कर लिखे?
18. बारूक ने उन से कहा, वह ये सब वचन अपने मुख से मुझे सुनाता गया ओर मैं इन्हें पुस्तक में स्याही से लिखता गया।
19. तब हाकिमों ने बारूक से कहा, जा, तू अपने आप को और यिर्मयाह को छिपा, और कोई न जानने पाए कि तुम कहां हो।
20. तब वे पुस्तक को एलीशमा प्रधान की कोठरी में रख कर राजा के पास आंगन में आए; और राजा को वे सब वचन कह सुनाए।