1. फिर वह मुझ को उस फाटक के पास ले गया जो पूर्वमुखी था।
2. तब इस्राएल के परमेश्वर का तेज पूर्व दिशा से आया; और उसकी वाणी बहुत से जल की घरघराहट सी हुई; और उसके तेज से पृथ्वी प्रकाशित हुई।
3. और यह दर्शन उस दर्शन के तुल्य था, जो मैं ने उसे नगर के नाश करने को आते समय देखा था; और उस दर्शन के समान, जो मैं ने कबार नदी के तीर पर देखा था; और मैं मुंह के बल गिर पड़ा।
4. तब यहोवा का तेज उस फाटक से हो कर जो पूर्वमुखी था, भवन में आ गया।