19. तेरे जो स्थान सुनसान और उजड़े हैं, और तेरे जो देश खण्डहर ही खण्डहर हैं, उन में अब निवासी न समाएंगे, और, तुझे नष्ट करने वाले दूर हो जाएंगे।
20. तेरे पुत्र जो तुझ से ले लिए गए वे फिर तेरे कान में कहने पाएंगे कि यह स्थान हमारे लिये सकेत है, हमें और स्थान दे कि उस में रहें।
21. तब तू मन में कहेगी, किस ने इन को मेरे लिये जन्माया? मैं तो पुत्रहीन और बांझ हो गई थी, दासत्व में और यहां वहां मैं घूमती रही, इन को किस ने पाला? देख, मैं अकेली रह गई थी; फिर ये कहां थे?
22. प्रभु यहोवा यों कहता है, देख, मैं अपना हाथ जाति जाति के लोगों की ओर उठाऊंगा, और देश देश के लोगों के साम्हने अपना झण्डा खड़ा करूंगा; तब वे तेरे पुत्रों को अपनी गोद में लिए आएंगे, और तेरी पुत्रियों को अपने कन्धे पर चढ़ाकर तेरे पास पहुंचाएंगे।