9. सुन, ये दोनों दु:ख अर्थात लड़कों का जाता रहना और विधवा हो जाना, अचानक एक ही दिन तुझ पर आ पड़ेंगे। तेरे बहुत से टोनों और तेरे भारी भारी तन्त्र-मन्त्रों के रहते भी ये तुझ पर अपने पूरे बल से आ पड़ेंगे॥
10. तू ने अपनी दुष्टता पर भरोसा रखा, तू ने कहा, मुझे कोई नहीं देखता; तेरी बुद्धि और ज्ञान ने तुझे बहकाया और तू ने अपने मन में कहा, मैं ही हूं और मेरे सिवाय कोई दूसरा नहीं।
11. परन्तु तेरी ऐसी दुर्गती होगी जिसका मन्त्र तू नहीं जानती, और तुझ पर ऐसी विपत्ति पड़ेगी कि तू प्रायश्चित कर के उसका निवारण न कर सकेगी; अचानक विनाश तुझ पर आ पड़ेगा जिसका तुझे कुछ भी पता नहीं॥
12. अपने तन्त्र मन्त्र और बहुत से टोनहों को, जिनका तू ने बाल्यावस्था ही से अभ्यास किया है उपयोग में ला, सम्भव है तू उन से लाभ उठा सके या उनके बल से स्थिर रह सके।
13. तू तो युक्ति करते करते थक गई है; अब तेरे ज्योतिषी जो नक्षत्रों को ध्यान से देखते और नये नये चान्द को देखकर होनहार बताते हैं, वे खड़े हो कर तुझे उन बातों से बचाए जो तुझ पर घटेंगी॥