मरकुस 15:31-40 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

31. आपस में ठट्ठे से कहते थे; कि इस ने औरों को बचाया, और अपने को नहीं बचा सकता।

32. इस्राएल का राजा मसीह अब क्रूस पर से उतर आए कि हम देखकर विश्वास करें: और जो उसके साथ क्रूसों पर चढ़ाए गए थे, वे भी उस की निन्दा करते थे॥

33. और दोपहर होने पर, सारे देश में अन्धियारा छा गया; और तीसरे पहर तक रहा।

34. तीसरे पहर यीशु ने बड़े शब्द से पुकार कर कहा, इलोई, इलोई, लमा शबक्तनी जिस का अर्थ यह है; हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर, तू ने मुझे क्यों छोड़ दिया?

35. जो पास खड़े थे, उन में से कितनों ने यह सुनकर कहा: देखो यह एलिय्याह को पुकारता है।

36. और एक ने दौड़कर इस्पंज को सिरके में डुबोया, और सरकण्डे पर रखकर उसे चुसाया; और कहा, ठहर जाओ, देखें, कि एलिय्याह उसे उतारने कि लिये आता है कि नहीं।

37. तब यीशु ने बड़े शब्द से चिल्लाकर प्राण छोड़ दिये।

38. और मन्दिर का पर्दा ऊपर से नीचे तक फटकर दो टुकड़े हो गया।

39. जो सूबेदार उसके सम्हने खड़ा था, जब उसे यूं चिल्लाकर प्राण छोड़ते हुए देखा, तो उस ने कहा, सचमुच यह मनुष्य, परमेश्वर का पुत्र था।

40. कई स्त्रियां भी दूर से देख रही थीं: उन में मरियम मगदलीनी और छोटे याकूब की और योसेस की माता मरियम और शलोमी थीं।

मरकुस 15