54. तब सूबेदार और जो उसके साथ यीशु का पहरा दे रहे थे, भुईंडोल और जो कुछ हुआ था, देखकर अत्यन्त डर गए, और कहा, सचमुच “यह परमेश्वर का पुत्र था”।
55. वहां बहुत सी स्त्रियां जो गलील से यीशु की सेवा करती हुईं उसके साथ आईं थीं, दूर से यह देख रही थीं।
56. उन में मरियम मगदलीली और याकूब और योसेस की माता मरियम और जब्दी के पुत्रों की माता थीं।
57. जब सांझ हुई तो यूसुफ नाम अरिमतियाह का एक धनी मनुष्य जो आप ही यीशु का चेला था आया: उस ने पीलातुस के पास जाकर यीशु की लोथ मांगी।
58. इस पर पीलातुस ने दे देने की आज्ञा दी।
59. यूसुफ ने लोथ को लेकर उसे उज्ज़वल चादर में लपेटा।