भजन संहिता 78:56-70 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

56. तौभी उन्होने परमप्रधान परमेश्वर की परीक्षा की और उससे बलवा किया, और उसकी चितौनियों को न माना,

57. और मुड़ कर अपने पुरखाओं की नाईं विश्वासघात किया; उन्होंने निकम्मे धनुष की नाईं धोखा दिया।

58. क्योंकि उन्होंने ऊंचे स्थान बनाकर उसको रिस दिलाई, और खुदी हुई मुर्तियों के द्वारा उस में जलन उपजाई।

59. परमेश्वर सुनकर रोष से भर गया, और उसने इस्त्राएल को बिलकुल तज दिया।

60. उसने शीलो के निवास, अर्थात उस तम्बु को जो उसने मनुष्यों के बीच खडा किया था, त्याग दिया,

61. और अपनी सामर्थ को बन्धुआई में जाने दिया, और अपनी शोभा को द्रोही के वश में कर दिया।

62. उसने अपनी प्रजा को तलवार से मरवा दिया, और अपने निज भाग के लोगों पर रोष से भर गया।

63. उन के जवान आग से भस्म हुए, और उनकी कुमारियों के विवाह के गीत न गाए गए।

64. उनके याजक तलवार से मारे गए, और उनकी विधवाएं रोने न पाईं।

65. तब प्रभु मानो नींद से चौंक उठा, और ऐसे वीर के समान उठा जो दाखमधु पीकर ललकारता हो।

66. और उसने अपने द्रोहियों को मार कर पीछे हटा दिया; और उनकी सदा की नामधराई कराई॥

67. फिर उसने यूसुफ के तम्बू को तज दिया; और एप्रैम के गोत्रा को न चुना;

68. परन्तु यहूदा ही के गोत्र को, और अपने प्रिय सिय्योन पर्वत को चुन लिया।

69. उसने अपने पवित्र स्थान को बहुत ऊंचा बना दिया, और पृथ्वी के समान स्थिर बनाया, जिसकी नेव उसने सदा के लिये डाली है।

70. फिर उसने अपने दास दाऊद को चुन कर भेड़शालाओं में से ले लिया;

भजन संहिता 78