6. वह उन्हें बछड़े की नाईं और लबानोन और शिर्योन को जंगली बछड़े के समान उछालता है॥
7. यहोवा की वाणी आग की लपटों को चीरती है।
8. यहोवा की वाणी वन को हिला देती है, यहोवा कादेश के वन को भी कंपाता है॥
9. यहोवा की वाणी से हरिणियों का गर्भपात हो जाता है। और अरण्य में पतझड़ होती है; और उसके मन्दिर में सब कोई महिमा ही महिमा बोलता रहता है॥