भजन संहिता 111:1-5 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

1. याह की स्तुति करो। मैं सीधे लोगों की गोष्ठी में और मण्डली में भी सम्पूर्ण मन से यहोवा का धन्यवाद करूंगा।

2. यहोवा के काम बड़े हैं, जितने उन से प्रसन्न रहते हैं, वे उन पर ध्यान लगाते हैं।

3. उसके काम का वैभवमय और ऐश्वरर्यमय होते हैं, और उसका धर्म सदा तक बना रहेगा।

4. उसने अपने आश्चर्यकर्मों का स्मरण कराया है; यहोवा अनुग्रहकारी और दयावन्त है।

5. उसने अपने डरवैयों को आहार दिया है; वह अपनी वाचा को सदा तक स्मरण रखेगा।

भजन संहिता 111