1. मेरा भरोसा परमेश्वर पर है; तुम क्योंकर मेरे प्राण से कह सकते हो कि पक्षी की नाईं अपने पहाड़ पर उड़ जा?
2. क्योंकि देखो, दुष्ट अपना धनुष चढ़ाते हैं, और अपना तीर धनुष की डोरी पर रखते हैं, कि सीधे मन वालों पर अन्धियारे में तीर चलाएं।
3. यदि नेवें ढ़ा दी जाएं तो धर्मी क्या कर सकता है?