भजन संहिता 105:31-40 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

31. उसने आज्ञा दी, तब डांस आ गए, और उनके सारे देश में कुटकियां आ गईं।

32. उसने उनके लिये जलवृष्टि की सन्ती ओले, और उनके देश में धधकती आग बरसाई।

33. और उसने उनकी दाखलताओं और अंजीर के वृक्षों को वरन उनके देश के सब पेड़ों को तोड़ डाला।

34. उसने आज्ञा दी तब अनगिनत टिडि्डयां, और कीड़े आए,

35. और उन्होंने उनके देश के सब अन्न आदि को खा डाला; और उनकी भूमि के सब फलों को चट कर गए।

36. उसने उनके देश के सब पहिलौठों को, उनके पौरूष के सब पहिले फल को नाश किया॥

37. तब वह अपने गोत्रियों को सोना चांदी दिला कर निकाल लाया, और उन में से कोई निर्बल न था।

38. उनके जाने से मिस्त्री आनन्दित हुए, क्योंकि उनका डर उन में समा गया था।

39. उसने छाया के लिये बादल फैलाया, और रात को प्रकाश देने के लिये आग प्रगट की।

40. उन्होंने मांगा तब उसने बटेरें पहुंचाई, और उन को स्वर्गीय भोजन से तृप्त किया।

भजन संहिता 105