भजन संहिता 105:22-30 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

22. कि वह उसके हाकिमों को अपनी इच्छा के अनुसार कैद करे और पुरनियों को ज्ञान सिखाए॥

23. फिर इस्राएल मिस्त्र में आया; और याकूब हाम के देश में परदेशी रहा।

24. तब उसने अपनी प्रजा को गिनती में बहुत बढ़ाया, और उसके द्रोहियों से अधिक बलवन्त किया।

25. उसने मिस्त्रियों के मन को ऐसा फेर दिया, कि वे उसकी प्रजा से बैर रखने, और उसके दासों से छल करने लगे॥

26. उसने अपने दास मूसा को, और अपने चुने हुए हारून को भेजा।

27. उन्होंने उनके बीच उसकी ओर से भांति भांति के चिन्ह, और हाम के देश में चमत्कार दिखाए।

28. उसने अन्धकार कर दिया, और अन्धियारा हो गया; और उन्होंने उसकी बातों को न टाला।

29. उसने मिस्त्रियों के जल को लोहू कर डाला, और मछलियों को मार डाला।

30. मेंढक उनकी भूमि में वरन उनके राजा की कोठरियों में भी भर गए।

भजन संहिता 105