भजन संहिता 104:12-18 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

12. उनके पास आकाश के पक्षी बसेरा करते, और डालियों के बीच में से बोलते हैं।

13. तू अपनी अटारियों में से पहाड़ों को सींचता है तेरे कामों के फल से पृथ्वी तृप्त रहती है॥

14. तू पशुओं के लिये घास, और मनुष्यों के काम के लिये अन्न आदि उपजाता है, और इस रीति भूमि से वह भोजन- वस्तुएं उत्पन्न करता है,

15. और दाखमधु जिस से मनुष्य का मन आनन्दित होता है, और तेल जिस से उसका मुख चमकता है, और अन्न जिस से वह सम्भल जाता है।

16. यहोवा के वृक्ष तृप्त रहते हैं, अर्थात लबानोन के देवदार जो उसी के लगाए हुए हैं।

17. उन में चिड़ियां अपने घोंसले बनाती हैं; लगलग का बसेरा सनौवर के वृक्षों में होता है।

18. ऊंचे पहाड़ जंगली बकरों के लिये हैं; और चट्टानें शापानों के शरणस्थान हैं।

भजन संहिता 104