प्रेरितों के काम 28:7-19 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

7. उस जगह के आसपास पुबलियुस नाम उस टापू के प्रधान की भूमि थी: उस ने हमें अपने घर ले जाकर तीन दिन मित्र भाव से पहुनाई की।

8. पुबलियुस का पिता ज्वर और आंव लोहू से रोगी पड़ा था: सो पौलुस ने उसके पास घर में जाकर प्रार्थना की, और उस पर हाथ रखकर उसे चंगा किया।

9. जब ऐसा हुआ, तो उस टापू के बाकी बीमार आए, और चंगे किए गए।

10. और उन्होंने हमारा बहुत आदर किया, और जब हम चलने लगे, तो जो कुछ हमें अवश्य था, जहाज पर रख दिया॥

11. तीन महीने के बाद हम सिकन्दिरया के एक जहाज पर चल निकले, जो उस टापू में जाड़े भर रहा था; और जिस का चिन्ह दियुसकूरी था।

12. सुरकूसा में लंगर डाल करके हम तीन दिन टिके रहे।

13. वहां से हम घूमकर रेगियुम में आए: और एक दिन के बाद दक्खिनी हवा चली तब हम दुसरे दिन पुतियुली में आए।

14. वहां हम को भाई मिले, और उन के कहने से हम उन के यहां सात दिन तक रहे; और इस रीति से रोम को चले।

15. वहां से भाई हमारा समाचार सुनकर अप्पियुस के चौक और तीन-सराए तक हमारी भेंट करने को निकल आए जिन्हें देखकर पौलुस ने परमेश्वर का धन्यवाद किया, और ढाढ़स बान्धा॥

16. जब हम रोम में पहुंचे, तो पौलुस को एक सिपाही के साथ जो उस की रखवाली करता था, अकेले रहने की आज्ञा हुई॥

17. तीन दिन के बाद उस ने यहूदियों के बड़े लोगों को बुलाया, और जब वे इकट्ठे हुए तो उन से कहा; हे भाइयों, मैं ने अपने लोगों के या बाप दादों के व्यवहारों के विरोध में कुछ भी नहीं किया, तौभी बन्धुआ होकर यरूशलेम से रोमियों के हाथ सौंपा गया।

18. उन्होंने मुझे जांच कर छोड़ देना चाहा, क्योंकि मुझ में मृत्यु के योग्य कोई दोष न था।

19. परन्तु जब यहूदी इस के विरोध में बोलने लगे, तो मुझे कैसर की दोहाई देनी पड़ी: न यह कि मुझे अपने लागों पर कोई दोष लगाना था।

प्रेरितों के काम 28