नीतिवचन 8:9-27 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

9. समझ वाले के लिये वे सब सहज, और ज्ञान के प्राप्त करने वालों के लिये अति सीधी हैं।

10. चान्दी नहीं, मेरी शिक्षा ही को लो, और उत्तम कुन्दन से बढ़ कर ज्ञान को ग्रहण करो।

11. क्योंकि बुद्धि, मूंगे से भी अच्छी है, और सारी मनभावनी वस्तुओं में कोई भी उसके तुल्य नहीं है।

12. मैं जो बुद्धि हूं, सो चतुराई में वास करती हूं, और ज्ञान और विवेक को प्राप्त करती हूं।

13. यहोवा का भय मानना बुराई से बैर रखना है। घमण्ड, अंहकार, और बुरी चाल से, और उलट फेर की बात से भी मैं बैर रखती हूं।

14. उत्तम युक्ति, और खरी बुद्धि मेरी ही है, मैं तो समझ हूं, और पराक्रम भी मेरा है।

15. मेरे ही द्वारा राजा राज्य करते हैं, और अधिकारी धर्म से विचार करते हैं;

16. मेरे ही द्वारा राजा हाकिम और रईस, और पृथ्वी के सब न्यायी शासन करते हैं।

17. जो मुझ से प्रेम रखते हैं, उन से मैं भी प्रेम रखती हूं, और जो मुझ को यत्न से तड़के उठ कर खोजते हैं, वे मुझे पाते हैं।

18. धन और प्रतिष्ठा मेरे पास है, वरन ठहरने वाला धन और धर्म भी हैं।

19. मेरा फल चोखे सोने से, वरन कुन्दन से भी उत्तम है, और मेरी उपज उत्तम चान्दी से अच्छी है।

20. मैं धर्म की बाट में, और न्याय की डगरों के बीच में चलती हूं,

21. जिस से मैं अपने प्रेमियों को परमार्थ के भागी करूं, और उनके भण्डारों को भर दूं।

22. यहोवा ने मुझे काम करने के आरम्भ में, वरन अपने प्राचीनकाल के कामों से भी पहिले उत्पन्न किया।

23. मैं सदा से वरन आदि ही से पृथ्वी की सृष्टि के पहिले ही से ठहराई गई हूं।

24. जब न तो गहिरा सागर था, और न जल के सोते थे तब ही से मैं उत्पन्न हुई।

25. जब पहाड़ वा पहाड़ियां स्थिर न की गई थीं,

26. जब यहोवा ने न तो पृथ्वी और न मैदान, न जगत की धूलि के परमाणु बनाए थे, इन से पहिले मैं उत्पन्न हुई।

27. जब उस ने अकाश को स्थिर किया, तब मैं वहां थी, जब उस ने गहिरे सागर के ऊपर आकाशमण्डल ठहराया,

नीतिवचन 8