नीतिवचन 6:27-35 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

27. क्या हो सकता है कि कोई अपनी छाती पर आग रख ले; और उसके कपड़े न जलें?

28. क्या हो सकता है कि कोई अंगारे पर चले, और उसके पांव न झुलसें?

29. जो पराई स्त्री के पास जाता है, उसकी दशा ऐसी है; वरन जो कोई उस को छूएगा वह दण्ड से न बचेगा।

30. जो चोर भूख के मारे अपना पेट भरने के लिये चोरी करे, उसको तो लोग तुच्छ नहीं जानते;

31. तौभी यदि वह पकड़ा जाए, तो उस को सातगुणा भर देना पडेगा; वरन अपने घर का सारा धन देना पड़ेगा।

32. परन्तु जो परस्त्रीगमन करता है वह निरा निर्बुद्ध है; जो अपने प्राणों को नाश करना चाहता है, वह ऐसा करता है॥

33. उस को घायल और अपमानित होना पड़ेगा, और उसकी नामधराई कभी न मिटेगी।

34. क्योंकि जलन से पुरूष बहुत ही क्रोधित हो जाता है, और पलटा लेने के दिन वह कुछ कोमलता नहीं दिखाता।

35. वह घूस पर दृष्टि न करेगा, और चाहे तू उस को बहुत कुछ दे, तौभी वह न मानेगा॥

नीतिवचन 6