नीतिवचन 3:18-24 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

18. जो बुद्धि को ग्रहण कर लेते हैं, उनके लिये वह जीवन का वृक्ष बनती है; और जो उस को पकड़े रहते हैं, वह धन्य हैं॥

19. यहोवा ने पृथ्वी की नेव बुद्धि ही से डाली; और स्वर्ग को समझ ही के द्वारा स्थिर किया।

20. उसी के ज्ञान के द्वारा गहिरे सागर फूट निकले, और आकाशमण्डल से ओस टपकती है॥

21. हे मेरे पुत्र, ये बातें तेरी दृष्टि की ओट न हाने पाएं; खरी बुद्धि और विवेक की रक्षा कर,

22. तब इन से तुझे जीवन मिलेगा, और ये तेरे गले का हार बनेंगे।

23. और तू अपने मार्ग पर निडर चलेगा, और तेरे पांव में ठेस न लगेगी।

24. जब तू लेटेगा, तब भय न खाएगा, जब तू लेटेगा, तब सुख की नींद आएगी।

नीतिवचन 3