10. यहोवा का नाम दृढ़ गढ़ है; धर्मी उस में भाग कर सब दुर्घटनाओं से बचता है।
11. धनी का धन उसकी दृष्टि में गढ़ वाला नगर, और ऊंचे पर बनी हुई शहरपनाह है।
12. नाश होने से पहिले मनुष्य के मन में घमण्ड, और महिमा पाने से पहिले नम्रता होती है।
13. जो बिना बात सुने उत्तर देता है, वह मूढ़ ठहरता है, और उसका अनादर होता है।