13. और शरण के जो नगर तुम दोगे वे छ: हों।
14. तीन नगर तो यरदन के इस पार, और तीन कनान देश में देना; शरणनगर इतने ही रहें।
15. ये छहों नगर इस्त्राएलियों के और उनके बीच रहने वाले परदेशियों के लिये भी शरणस्थान ठहरें, कि जो कोई किसी को भूल से मार डाले वह वहीं भाग जाए।