27. और तुम्हारी उठाई हुई भेंट तुम्हारे हित के लिये ऐसी गिनी जाएगी जैसा खलिहान में का अन्न, वा रसकुण्ड में का दाखरस गिना जाता है।
28. इस रीति तुम भी अपने सब दशमांशों में से, जो इस्त्राएलियों की ओर से पाओगे, यहोवा को एक उठाई हुई भेंट देना; और यहोवा की यह उठाई हुई भेंट हारून याजक को दिया करना।
29. जितने दान तुम पाओ उन में से हर एक का उत्तम से उत्तम भाग, जो पवित्र ठहरा है, सो उसे यहोवा के लिये उठाई हुई भेंट करके पूरी पूरी देना।