15. क्योंकि सारी अन्यजातियों पर यहोवा के दिन का आना निकट है। जैसा तू ने किया है, वैसा ही तुझ से भी किया जाएगा, तेरा व्यवहार लौटकर तेरे ही सिर पर पड़ेगा।
16. जिस प्रकार तू ने मेरे पवित्र पर्वत पर पिया, उसी प्रकार से सारी अन्यजातियां लगातार पीती रहेंगी, वरन वे सुड़क-सुड़ककर पीएंगी, और एसी हो जाएंगी जैसी कभी हुई ही नहीं।
17. परन्तु उस समय सिय्योन पर्वत पर बचे हुए लोग रहेंगे, ओर वह पवित्र स्थान ठहरेगा; और याकूब का घराना अपने निज भागों का अधिकारी होगा।
18. तब याकूब का घराना आग, और यूसुफ का घराना लौ, और ऐसाव का घराना खूंटी बनेगा; और वे उन में आग लगा कर उन को भस्म करेंगे, और ऐसाव के घराने का कोई न बचेगा; क्योंकि यहोवा ही ने ऐसा कहा है॥