43. लाबान ले याकूब से कहा, ये बेटियों तो मेरी ही हैं, और ये पुत्र भी मेरे ही हैं, और ये भेड़-बकरियां भी मेरी ही हैं, और जो कुछ तुझे देख पड़ता है सो सब मेरा ही है: और अब मैं अपनी इन बेटियों वा इनके सन्तान से क्या कर सकता हूं?
44. अब आ मैं और तू दोनों आपस में वाचा बान्धें, और वह मेरे और तेरे बीच साक्षी ठहरी रहे।
45. तब याकूब ने एक पत्थर ले कर उसका खम्भा खड़ा किया।
46. तब याकूब ने अपने भाई-बन्धुओं से कहा, पत्थर इकट्ठा करो; यह सुन कर उन्होंने पत्थर इकट्ठा करके एक ढेर लगाया और वहीं ढेर के पास उन्होंने भोजन किया।