21. और मसीह के भय से एक दूसरे के आधीन रहो॥
22. हे पत्नियों, अपने अपने पति के ऐसे आधीन रहो, जैसे प्रभु के।
23. क्योंकि पति पत्नी का सिर है जैसे कि मसीह कलीसिया का सिर है; और आप ही देह का उद्धारकर्ता है।
24. पर जैसे कलीसिया मसीह के आधीन है, वैसे ही पत्नियां भी हर बात में अपने अपने पति के आधीन रहें।