अय्यूब 34:9-22 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

9. उसने तो कहा है, कि मनुष्य को इस से कुछ लाभ नहीं कि वह आनन्द से परमेश्वर की संगति रखे।

10. इसलिऐ हे समझवालो! मेरी सुनो, यह सम्भव नहीं कि ईश्वर दुष्टता का काम करे, और सर्वशकितमान बुराई करे।

11. वह मनुष्य की करनी का फल देता है, और प्रत्येक को अपनी अपनी चाल का फल भुगताता है।

12. नि:सन्देह ईश्वर दुष्टता नहीं करता और न सर्वशक्तिमान अन्याय करता है।

13. किस ने पृथ्वी को उसके हाथ में सौंप दिया? वा किस ने सारे जगत का प्रबन्ध किया?

14. यदि वह मनुष्य से अपना मन हटाये और अपना आत्मा और श्वास अपने ही में समेट ले,

15. तो सब देहधारी एक संग नाश हो जाएंगे, और मनुष्य फिर मिट्टी में मिल जाएगा।

16. इसलिये इस को सुन कर समझ रख, और मेरी इन बातों पर कान लगा।

17. जो न्याय का बैरी हो, क्या वह शासन करे? जो पूर्ण धमीं है, क्या तू उसे दुष्ट ठहराएगा?

18. वह राजा से कहता है कि तू नीच है; और प्रधानों से, कि तुम दुष्ट हो।

19. ईश्वर तो हाकिमों का पक्ष नहीं करता और धनी और कंगाल दोनों को अपने बनाए हुए जान कर उन में कुछ भेद नहीं करता।

20. आधी रात को पल भर में वे मर जाते हैं, और प्रजा के लोग हिलाए जाते और जाते रहते हैं। और प्रतापी लोग बिना हाथ लगाए उठा लिए जाते हैं।

21. क्योंकि ईश्वर की आंखें मनुष्य की चालचलन पर लगी रहती हैं, और वह उसकी सारी चाल को देखता रहता है।

22. ऐसा अन्धियारा वा घोर अन्धकार कहीं नहीं है जिस में अनर्थ करने वाले छिप सकें।

अय्यूब 34