10. राजा ने कहा, जो कोई तुझ से कुछ बोले उसको मेरे पास ला, तब वह फिर तुझे छूने न पाएगा।
11. उसने कहा, राजा अपने परमेश्वर यहोवा को स्मरण करे, कि खून का पलटा लेने वाला और नाश करने न पाए, और मेरे बेटे का नाश न होने पाए। उसने कहा, यहोवा के जीवन की शपथ, तेरे बेटे का एक बाल भी भूमि पर गिरने न पाएगा।
12. स्त्री बोली, तेरी दासी अपने प्रभु राजा से एक बात कहने पाए।
13. उसने कहा, कहे जा। स्त्री कहने लगी, फिर तू ने परमेश्वर की प्रजा की हानि के लिये ऐसी ही युक्ति क्यों की है? राजा ने जो यह वचन कहा है, इस से वह दोषी सा ठहरता है, क्योंकि राजा अपने निकाले हुए को लौटा नहीं लाता।