8. और उस के हाकिमों ने प्रजा के लोगों, याजकों और लेवियों को स्वेच्छाबलियों के लिये पशु दिए। और हिल्किय्याह, जकर्याह और यहीएल नाम परमेश्वर के भवन के प्रधानों ने याजकों को दो हजार छ:सौ भेड़-बकरियां। और तीन सौ बैल फसह के बलिदानों के लिए दिए।
9. और कोनन्याह ने और शमायाह और नतनेल जो उसके भाई थे, और हसब्याह, यीएल और योजाबाद नामक लेवियों के प्रधानों ने लेवियों को पांच हजार भेड़-बकरियां, और पांच सौ बैल फसह के बलिदानों के लिये दिए।
10. इस प्रकार उपासना की तैयारी हो गई, और राजा की आज्ञा के अनुसार याजक अपने अपने स्थान पर, और लेवीय अपने अपने दल में खड़े हुऐ।
11. तब फसह के पशु बलि किए गए, और याजक बलि करने वालों के हाथ से लोहू को ले कर छिड़क देते और लेवीय उनकी खाल उतारते गए।
12. तब उन्होंने होमबलि के पशु इसलिये अलग किए कि उन्हें लोगों के पितरों के घरानों के भागों के अनुसार दें, कि वे उन्हें यहोवा के लिये चढ़वा दें जैसा कि मूसा की पुस्तक में लिखा है; और बैलों को भी उन्होंने वैसा ही किया।
13. तब उन्होंने फसह के पशुओं का मांस विधि के अनुसार आग में भूंजा, और पवित्र वस्तुएं, हंडियों और हंडों और थालियों में सिझा कर फुतीं से लोगों को पहुंचा दिया।
14. तब उन्होंने अपने लिये और याजकों के लिये तैयारी की, क्योंकि हारून की सन्तान के याजक होमबलि के पशु और चरबी रात तक चढ़ाते रहे, इस कारण लेवियों ने अपने लिये और हारून की सन्तान के याजकों के लिये तैयारी की।