59. और मेरी ये बातें जिनकी मैं ने यहोवा के साम्हने बिनती की है, वह दिन और रात हमारे परमेश्वर यहोवा के मन में बनी रहें, और जैसा दिन दिन प्रयोजन हो वैसा ही वह अपने दास का और अपनी प्रजा इस्राएल का भी न्याय किया करे,
60. और इस से पृथ्वी की सब जातियां यह जान लें, कि यहोवा ही परमेश्वर है; और कोई दूसरा नहीं।
61. तो तुम्हारा मन हमारे परमेश्वर यहोवा की ओर ऐसी पूरी रीति से लगा रहे, कि आज की नाईं उसकी विधियों पर चलते और उसकी आज्ञाएं मानते रहो।
62. तब राजा समस्त इस्राएल समेत यहोवा के सम्मुख मेलबलि चढ़ाने लगा।