44. और बाईं ओर उनके भाई मरारी खड़े होते थे, अर्थात एताव जो कीशी का पुत्र था, और कीशी अब्दी का, अब्दी मल्लूक का।
45. मल्लूक हशब्याह का, हशब्याह अमस्याह का, अमस्याह हिलकिय्याह का।
46. हिलकिय्याह अमसी का, अमसी बानी का, बानी शेमेर का।
47. शेमेर महली का, महली मूशी का, मूशी मरारी का, और मरारी लेवी का पुत्र था।
48. और इनके भाई जो लेवीय थे वह परमेश्वर के भवन के निवास की सब प्रकार की सेवा के लिये अर्पण किए हुए थे।